निर्देशक: विजय कुमार अरोड़ा
कलाकार: अजय देवगन, मृणाल ठाकुर, रवि किशन, नीरू बाजवा, दीपक डोबरियाल, कुब्बरा सैट, चंकी पांडे, शरत सक्सेना, मुकुल देव, विंदु दारा सिंह, रोशनी वालिया, संजय मिश्रा, अश्विनी कलसकार, साहिल मेहता, डॉली अहलूवालिया
समय अवधि: 147.32 मिनट
रेटिंग: 4
विजय कुमार अरोड़ा निर्देशित यह स्टैंडअलोन सीक्वल अजय देवगन को फिर से जसविंदर “जस्सी” सिंह रंधावा के रूप में वापस लाती है। जस्सी अब थोड़ा बड़ा और समझदार हो चुका है, लेकिन उसका स्वैग और कॉमिक टाइमिंग उतनी ही जबरदस्त है जितनी पहले थी। स्क्रीन पर अजय देवगन पूरी तरह छा गए हैं!
कहानी शुरू होती है लंदन से, जहां जस्सी अपनी पत्नी डिम्पल (नीरू बाजवा) से मिलने पहुंचता है। लेकिन उसके सपने जल्दी टूट जाते हैं जब डिम्पल बताती है कि वह तलाक चाहती है क्योंकि वो किसी और से प्यार करती हैं। बिना घर के और अपने टूटे दिल के साथ जस्सी लंदन की सड़को पर घूम रहा होता हैं, तभी उसकी मुलाकात रबिया (मृणाल ठाकुर) से होती है, जो एक पाकिस्तानी है, और वेडिंग डांसर कंपनी चलाती हैं.
जस्सी और राबिया, दोनों की दोस्ती शुरू होती हैं, और जल्द ही यही दोस्ती कहानी में बड़ा ट्विस्ट लेकर आती हैं, जब रबिया जस्सी को अपनी सहकर्मी की बेटी सबा (रोशनी वालिया) का भारतीय पिता बनने के लिए कहती है। सबा को गोगी (साहिल मेहता) से प्यार है, लेकिन गोगी के पिता राजा संधू (रवि किशन) एक सख्त पारंपरिक परिवार के मुखिया हैं, जो चाहते हैं कि उनकी बहू भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण हो। और तब जस्सी बन जाता है एक फेक मेडल-विनिंग एक्स-आर्मी ऑफिसर।
और इसके बाद शुरू होती है हंसी-ठिठोली, गलतफहमियां, सांस्कृतिक टकराव, और इमोशन का ऐसा सैलाब जो आप सब को अपने साथ बहा ले जाता हैं. फिल्म के क्लाइमेक्स में पता चलता हैं की कहानी में सिर्फ एक ट्विस्ट नहीं हैं, बल्कि पूरी कहानी ट्विस्टड हैं!
अजय देवगन अपनी खास कॉमिक टाइमिंग और इमोशनल सेंस के साथ फिल्म को संभाले रखते हैं, और एक बार फिर साबित करते हैं कि वे बॉलीवुड के सबसे भरोसेमंद एक्टर्स में से हैं। मृणाल ठाकुर अपनी पहली बड़ी मसाला फिल्म में दमदार प्रदर्शन करती हैं। लेकिन असली दिल जीतता है दीपक डोबरियाल का रोल, जो गुल के रूप में एक ट्रांसजेंडर किरदार निभाते हैं। उनका अभिनय मजाक नहीं, बल्कि सम्मान और गर्मजोशी से भरा है, जो बहुत कम फिल्मों में देखने को मिलता है।
वही रवि किशन, राजा संधू के रूप में पूरी फिल्म में हँसी के ठहाके लगाते हैं। उनका पंजाबी-बिहारी अंदाज और एक्टिंग दोनों परफेक्ट हैं। सपोर्टिंग कास्ट जैसे चंकी पांडे, कुब्बरा, संजय मिश्रा, अश्विनी कलसकार, विंदु दारा सिंह, डॉली अहलूवालिया और स्वर्गीय मुकुल देव सभी अपनी अलग पहचान बनाते हैं और फिल्म को और मजेदार बनाते हैं।
फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी खास है। स्कॉटलैंड की खूबसूरत घाटियां, लंदन की रंगीन गलियां और पंजाब के देसी माहौल को खूबसूरती से कैद किया गया है। हर फ्रेम में एक बड़ी, रंगीन भारतीय शादी की ऊर्जा महसूस होती है। म्यूजिक भी कहानी के साथ खूब मेल खाता है। “पहला तू दूसरा तू”, “नज़र बट्टू” और “नचदी” जैसे गाने मस्ती और भावनाओं का सही मिश्रण पेश करते हैं।
विजय कुमार अरोड़ा को एक बड़े कलाकार समूह और कई भावनात्मक पहलुओं को संभालने के लिए तारीफ मिलनी चाहिए। फिल्म की गति कभी धीमी नहीं पड़ती और कहानी साफ-सुथरी बनी रहती है। अंत में एक ऐसा ट्विस्ट भी है जो पुराने फैंस के लिए खास है।
देवगन फिल्म्स और जियो स्टूडियोज़ द्वारा निर्मित, सन ऑफ सरदार 2 केवल एक कॉमेडी नहीं है, बल्कि परिवार, प्यार, और सांस्कृतिक एकता का उत्सव है। चाहे आप हंसी के लिए जाएं, दिल को छूने वाले पल के लिए या मस्ती के लिए — सन ऑफ सरदार 2 एक शानदार और मजेदार एक्सपीरियंस है।
Bollywood Hi इस फिल्म को 3.5 स्टार रेटिंग देती है
Review by Farid shaikh